नहीं कर पायी है. दूसरा एम्स उत्तर बिहार में खुलना तय है. केन्द्र सरकार द्वारा बिहार को सड़क चैड़ीकरण के लिये 55 हजार करोड़, महासेतु निर्माण हेतु 2 हजार करोड़ की राशि आवंटित किया है, जिसका टेंडर भी हो चुका है. बावजूद बिहार सरकार जमीन अधिग्रहण का कार्य पूरा नहीं कर रही है और न ही पुल तोड़ने की अनुमति दे रही है। केन्द्र प्रायोजित योजनाओं को बिहार सरकार अपने सात निश्चय में लागू कर केन्द्र की राशि से ही घर-घर में बिजली, हर घर में नल का पानी, गांव-गांव में नाली अदि पर खर्च कर रही है। कहा कि भारत सरकार द्वारा उज्जवला गैस योजना, स्वच्छ भारत मिशन, सहित अनेकों जनउपयोगी योजनायें चलायी जा रही है. भारत सरकार के तीन साल पूरे होने के साथ ही लोगों का सरकार के प्रति सकारात्मक सोच बन गई है. दुनिया में भारत स्वाभिमान, सम्मान के साथ आगे बढ़ रहा है. वर्ष 2022 तक आजादी के 75 साल पूरे होने पर सभी गांवों में बिजली, सभी के पक्के मकान दिये जाने का सपना मोदी सरकार का है. किन्तु बिहार की स्थिति किसी से छिपी नहीं है. जब बिहार में हमारी सरकार थी उस वक्त सुशासन विकास तथा लाॅ एंड आॅर्डर के रास्ते पर अग्रसर थी परन्तु आज स्थिति बदल गई है। एजेंडा बदल गया है। मौके पर भाजपा जिलाध्यक्ष राम कुमार राय, पूर्व विधायक किशोर कुमार मुन्ना, विश्वमोहन भारती, भाजपा नेता सचिन माधोगरिया, अधिवक्ता सूर्यनारायण कामत, सीताराम चैधरी, अनिल कुमार साह, गौतम शेखर, सुशील सिंह, किशोर राय, बंटी चोपड़ा, मनीष जलान, सुनील जैन, जगदीश कोलैया, प्रभाष मंडल, हीरा झा, जितेन्द्र कुमार सिंह, अखिलेश चैधरी आदि उपस्थित थे।