बेतिया। पश्चिम चंपारण बेतिया समाहरणालय में जिला पदाधिकारी लौकेश कुमार सिंह की अध्यक्षता में तटबंधों की सुरक्षा हेतु एक बैठक का आयोजन किया गया। जिला पदाधिकारी पश्चिम चंपारण लौकेश कुमार सिंह ने कहा कि पश्चिम चंपारण बाढ़ प्रभावित जिला है। यहां बरसात के समय में विभिन्न नदियों में बाढ़ आने की आशंका बनी रहती है। जिसके चलते तटबंधों के टूटने का खतरा रहता है। इसलिए पश्चिम चंपारण जिला में अवस्थित सभी तटबंधों की पुख्ता सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। पश्चिम चंपारण जिला के दो तटबंधों जिसमें चंपारण तटबंध एवं पिपरा-पिपरासी तटबंध शामिल है। का विस्तार क्षेत्र बढ़ा है। इसलिए दोनों तटबंध के पूरे विस्तार में सतत निगरानी रखी जाए। संपूर्ण तटबंध क्षेत्र की भौतिक निरीक्षण कर आपदा शाखा को प्रतिवेदित किया जाए। बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल, जल संसाधन प्रमंडल, जल निस्सरण प्रमंडल, नहर मंडल आदि के सभी कार्यपालक अभियंताओं को आगामी बरसात के मौसम में विशेष सतर्कता बरतने का निर्देश दिया गया है। कटा क्षेत्रों एवं तटबंधों के संयुक्त निरीक्षण हेतु प्रशासी एव अभियंत्रण पदाधिकारियों की संयुक्त टीम गठित कर दी गई है। जिलाधिकारी ने अनुमंडल पदाधिकारी एवं बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल के कार्यपालक अभियंता को संयुक्त रुप से सभी तटबंधों की भौतिक निरीक्षण कर प्रतिवेदन देने को कहा गया है। उन्होंने आगे कहा कि पूर्व में क्रय किए गए सरकारी नावो की जांच कर ली जाए। इसके साथ ही जिला में उपलब्ध निजी नाव एवं नाविकों का भी निबंधन करा ली जाए। पॉलिथीन सीट की आवश्यकता अनुसार क्रय करने की कार्रवाई की जाए। राज्य खाद्य निगम से समन्वय करके खदानों की उपलब्धता सुनिश्चित कर ली जाए। बैठक में जिला कृषि पदाधिकारी को आकस्मिक फसल योजना तैयार कर लेना, जिला पशुपालन पदाधिकारी को पर्याप्त मात्रा में पशु की दवा/पशु चारा क्रय करने हेतु करवाई करने, सिविल सर्जन को मानव दवा की उपलब्धता एवं मोबाइल मेडिकल टीम का गठन करने का निर्देश दिया गया। जिलाधिकारी ने कहा कि बाढ़ पूर्व एहतियाती कदम उठाने की अत्यंत आवश्यकता है । बाढ़ की गतिविधियों पर नजर रखने हेतु जिला में बाढ़ नियंत्रण कक्ष कि स्थापना किया जाएगा एवं आपातकालीन संचालन केंद्र को पुनः क्रियान्वित करने को कहा गया है। बाढ़ पूर्व तैयारी की नियमित समीक्षा करेंगे। बाढ़ से प्रभावित होने वाले अचलों के अंचलाधिकारियों यह अनुमंडल पदाधिकारियों को बाढ़ से बचाव हेतु सारी ऐहतियाती कदम उठाने का निर्देश दिया गया है ।सभी संबंधित कार्यपालक और अभियंताओं को अपने अपने कार्य क्षेत्र में निरंतर गतिशील रहकर बाढ़ नियंत्रण हेतु किए जा रहे कार्यों पर निगरानी रखने एवं आपदा कोषांग को ससमय प्रतिवेदन देने हेतु सख्त हिदायत दिया गया है। इस बैठक में अपर समाहर्ता, निदेशक, डीआरडीए, डीपीआरओ, जिला आपदा पदाधिकारी सहित कई पदाधिकारी उपस्थित रहे हैं।