जीवन का असली आनंद घुमक्कड़ी में है मस्ती और मौज में है | प्रकृति के सौंदर्य का रसपान अपनी आँखों से उसके सामने उसकी गोद में बैठकर ही किया जा सकता है | उसके लिए आवश्यक है – पर्यटन |पर्यटन का अर्थ है – घूमना | बस घुमने के लिए घूमना | आनंद-प्राप्ति और जिज्ञासा-पूर्ति के लिए घूमना | ऐसे पर्यटन में सुख ही सुख है | ऐसा पर्यटन दैनंदिन जीवन की भारी-भरकम चिंताओं से दूर होता है | जो व्यक्ति इस दशा में जितनी देर रहता है, उतनी देर तक वह आनंदमय जीवा जीता है |भारत देश ऐतिहासिक धरोहरों का देश है ! यहाँ के मंदिर, उद्यान, ऐतिहासिक इमारतें, नदिया, पहाड़ आदि की सुंदरता अतुलनीय है ! बहुरंगी सभ्यता एवं संस्कृति वाले देश के सभी आयामों को समझने का प्रयास इतना आसान नहीं है। प्राचीन काल से ही भव्य देवालयों और धर्म स्थलों से भरपूर भारत स्थापत्य कला के लिए विश्व प्रसिद्ध है। जो पूरे भारत में देशी और विदेशी पर्यटकों और श्रद्धालुओं का मुख्य आकर्षण हैं। भारत में मेलों और त्योहारों की प्राचीन परंपरा रही है । विदेशी पर्यटक इन्हें देखने को लालायित रहते हैं । पर्यटन का महत्त्व प्रत्येक देश में स्वीकार किया जा चुका है । पर्यटन का तात्पर्य देश-विदेश में परिभ्रमण है। मनोरंजन, अध्ययन, सांस्कृतिक आदान-प्रदान, स्वास्थ्य-लाभ अथवा अन्य व्यक्तिगत कारण पर्यटन के मूल में होते हैं । विगत वर्षों में विदेशी पर्यटकों की संख्या में भारी वृद्धि हुई ! पर्यटन को उद्योग के रूप में अपनाने में भारत प्रयत्नशील रहा है ! इससे देश को काफी लाभ भी हुआ है ! लकिन पिछले कुछ समय में वेदेशी पर्यटको से अपराधों के मामलो में भी तेजी से वृद्धि हो रही है ! इससे भiरतीय पर्यटक उद्योग में कमी आयी है ! वेदिशयो से हुई बदसलूकी, वेदिशी महिलाओ के साथ हुए यौन शोषण से पर्यटन उद्योग पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा है ! इससे पुरे विश्व में भारत की छवि को नुकसान पंहुचा है ! वेदिशी भारत आने से कतराने लगे है ! इससे देश में पर्यटक उद्योग से होने वाले राजस्व में तो कमी आयी ही है! साथ साथ वेदिशयो के साथ होने वाला दुर्वयवहार हमारे देश के लिए बहुत शर्म की बात है !